न्यूज डेस्क, (PNL) : लुधियाना नगर निगम चुनाव में अपनी पत्नी की हार के बाद आम आदमी पार्टी के विधायक अशोक पराशर पप्पी ने भी प्रशासन पर सवाल खड़े करते डीसी को जिम्मेदार ठहराया है। पहले विधायक गुरप्रीत गोगी भी डीसी को जिम्मेदार ठहरा चुके हैं, वहीं अब एमएलए अशोक पप्पी और मदन लाल बग्गा भी लगातार उंगलिया उठा रहें है।
आम आदमी पार्टी के चार विधायकों में से दो विधायकों के बेटे तो चुनाव जीत गए, लेकिन दो विधायकों जिनमें अशोक पराशर पप्पी और गुरप्रीत गोगी की पत्नियां चुनाव हार गई। वहीं, आम आदमी पार्टी विधायक अशोक पप्पी और गुरप्रीत गोगी ने अपनी पत्नी की चुनाव में हुई हार का सारा ठिकरा लुधियाना के डीसी जतिंदर जोरवाल के सिर फोड़ा है। उनका कहना है कि उनकी पत्नी की हार के लिए डीसी जिम्मेदार हैं और इस बाबत वह जल्द ही वह सीएम भगवंत मान से भी मिलेंगे।
डीसी जतिंदर जोरवाल
विधायक बोले- वोटर सूचियों से नाम था गायब
आम आदमी पार्टी विधायक अशोक पप्पी और गुरप्रीत गोगी ने कहा कि 21 दिसंबर को नगर निगम के चुनाव थे, तब उनके हलके में सैकडों वोटरों के नाम ही वोटर सूची से गायब थे। हैरानी तो उस समय हुई जब उन्हें पता लगा की जो लोग मर चुके हैं, उनका नाम तो वोटर सूची में नाम था लेकिन जो लोग जिंदा है, उनके वोटर सूची से गायब हैं। लोग बार-बार उन्हें फोन करते रहे, और वोटर सूची से लोगों के नाम ना होने के कारण वह वोट डालने से वंचित रह गए।
विधायक पप्पी ने कहा कि नगर निगम चुनाव 2023 की वोटर सूची के मुताबिक करवाए गए है, जबकि 2024 में बनी सूची के अनुसार चुनाव होने चाहिए थे। क्योंकि उनके हलके में ही 2024 में हजारों नई वोटें बनी थी और इस बाबत वह डीसी से भी मिले थे, लेकिन डीसी ने 2024 के मुताबिक वोट करवाने से साफ इनकार कर दिया था। गोगी ने कहा कि उनकी पत्नी मात्र 80 वोटों से चुनाव हारी, और वोट डालने वाले तो सैकड़ों लोग वोट डालने से वंचित रह गए, इसके लिए कौन जिम्मेदार है। अगर वोटर सूची सही होती तो उनकी पत्नी चुनाव जीत जाती।
पार्टी को भी हुआ सीटों का काफी नुकसान
आम आदमी पार्टी विधायक गोगी और पप्पी ने कहा कि वोटर सूची गलत होने का खामियाजा न केवल उन्हें ही, नहीं बल्कि पार्टी को भी भुगतना पड़ा। अगर 2024 की वोटर सूची के मुताबिक चुनाव होते तो पार्टी लुधियाना में 70 से ज्यादा वार्ड सीटें जीत सकती थी।