पंजाब के पूर्व डिप्टी CM सुखबीर बादल तनखैया घोषित, 2 बार किया था तलब, लेकिन नहीं पहुंचे, अब सजा भुगतनी होगी, पढ़ें
Punjab News Live -PNL
July 5, 2025
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न्यूज डेस्क, (PNL) : पंजाब के पूर्व डिप्टी CM और शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल को एक बार फिर तनखैया घोषित किया गया है। शनिवार को तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब ने उन्हें धार्मिक सजा सुनाई है। उन्हें 2 बार अपना स्पष्टीकरण देने के लिए तलब किया गया था, लेकिन वह वहां नहीं गए। इसके बाद ये फैसला सुनाया गया।
तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब के फैसले के मुताबिक सुखबीर बादल ने सिद्धांतों, मर्यादाओं और पंज प्यारों के आदेशों का उल्लंघन किया। तख्त की प्रबंधक समिति के अधिकारों में दखल दिया। 9 और 10 मई 2023 को समिति की बैठकों में लिए गए निर्णयों को खुली चुनौती दी। पंज प्यारे सिंह साहिबों की जांच में स्पष्ट हुआ है कि इस साजिश में सुखबीर बादल की भी अहम भूमिका रही।
पंज प्यारों ने 21 मई और 1 जून को सुखबीर बादल को अपना पक्ष रखने के लिए मौके दिए, लेकिन दोनों दिन वे तख्त के समक्ष पेश नहीं हुए। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी के विशेष अनुरोध पर उन्हें 20 दिन का अतिरिक्त समय दिया गया, लेकिन तीसरे मौके पर भी तख्त के समक्ष उन्होंने अपना पक्ष नहीं रखा।
तनखैया क्या होता है
सिख धर्म में तनखैया का मतलब होता है धार्मिक गुनहगार। कोई भी सिख अपने धार्मिक नियमों को ताक पर रखकर कोई फैसला लेता है या गुनाह करता है तो उसे सजा देने के लिए अकाल तख्त को पूरा अधिकार है। जिस शख्स को तनखैया घोषित कर दिया जाता है वह व्यक्ति ना तो किसी भी तख्त पर जा सकता है और ना किसी से अरदास करवा सकता है, अगर कोई उसकी तरफ से अरदास करता है तो उसे भी कसूरवार माना जाता है।
तनखैया को यह दी जाती है सजा
तनखैया के दौरान मिलने वाली सजा का कड़ाई से पालन करना होता है। इस दौरान उसे गुरुद्वारे में सेवा करनी होती है। तनखैया को पांचों ककार (कछहरा, कंघा, कड़ा, केश और कृपाण) धारण करके रखने होते हैं। साथ ही उसे शरीर की स्वच्छता और पवित्रता का भी पूरा ख्याल रखना होता है।
सजा के दौरान रोज सुबह शाम गुरु साहिब के सामने होने वाली अरदास में शामिल होना पड़ता है। इसके तहत सजा मूलरूप से सेवाभाव वाली होती है। आरोपी को गुरुद्वारों में बर्तन, जूते और फर्श साफ करने जैसी सजाएं दी जाती हैं। जब तनखैया की सजा समाप्त होती है तो अरदास के साथ यह प्रक्रिया पूरी की जाती है।
7 महीने पहले अकाल तख्त ने तनखैया घोषित किया था
दिसंबर 2024 में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को 9 साल पहले माफी देने समेत बेअदबी पर कार्रवाई न करने को लेकर श्री अकाल तख्त साहिब ने सुखबीर बादल को तनखैया घोषित किया था। उन्हें गोल्डन टेंपल के बाहर तख्ती पहनकर और हाथ में बरछा पकड़कर सेवादार की ड्यूटी करने के आदेश दिए गए थे। ये सजा उन्हें 2 दिन के लिए दी गई थी।
4 दिसंबर को सुखबीर बादल पर हुआ था हमला
4 दिसंबर को सुखबीर बादल गोल्डन टेंपल के गेट पर हाथ में बरछा पकड़कर सजा भुगत रहे थे। इसी दौरान उन पर डेरा बाबा नानक के रहने वाले नारायण सिंह चौड़ा ने फायरिंग कर दी थी। जिसमें सुखबीर बाल-बाल बच गए थे। नारायण सिंह चौड़ा भारत सरकार की ओर से बैन किए जा चुके खालिस्तानी आतंकी संगठन बब्बर खालसा से जुड़ा है।