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परकाश सिंह बादल से अकाल तख्त ने वापस लिया फख्र-ए-कौम का अवार्ड, किसी समय मोदी ने बड़े बादल को कहा था-भारत का नेल्सन मंडेला, पढ़ें

अमृतसर, (PNL) : श्री अकाल तख्त साहिब ने पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय परकाश सिंह बादल से फख्र-ए-कौम का अवार्ड वापस लेने का ऐलान किया है। बादल परिवार के लिए ये बड़ा झटका है। परकाश सिंह बादल ने पंजाब के बठिंडा जिले के बादल गांव के सरपंच बनने के साथ राजनीतिक सफर की शुरुआत हुई थी. 1927 में जन्मे प्रकाश सिंह बादल (Prakash Singh Badal) ने अपनी सियासी पारी उसी साल शुरू की थी जब देश आजाद हुआ था. इसके बाद वह पंजाब के पांच बार के मुख्यमंत्री बने. वे एक ऐसे जननेता थे जिन्होंने 1969 से 1992 तक किसी भी विधानसभा चुनाव में हार का मुंह तक नहीं देखा था. इसके बाद 1992 में उन्होंने खुद ही चुनाव न लड़ने का एलान कर दिया था.

प्रकाश सिंह बादल को सिख राजनीतिक का हीरो ऐसे ही नहीं कहा जाता था. प्रकाश सिंह बादल हालांकि सिखों का प्रतिनिधित्व करने वाली पार्टी अकाली दल के नेता थे, लेकिन उन्होंने हिंदुत्व की राजनीति करने वाली भारतीय जनता पार्टी के साथ गठजोड़ करके सत्ता हासिल की. राजनीति के गलियारों में उनके कई किस्से काफी मशहूर हैं. चाहे विपक्षी दलों के लिए अपने ही घर के बाहर तंबू लगवा देना हो या विपक्ष के धरने पर पहुंचकर खुद उनसे बातचीत करना हो.

फख्र-ए-कौम से सम्मानित थे बादल

दरअसल, जब एक बार कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेता उनको आवास के बाहर विरोध करने पहुंचे तो उन्होंने नेताओं को किसी तरह की परेशानी न हो इसलिए उनके लिए तंबू लगवा दिए और उनका स्वागत भी किया. इतना ही नहीं उन्होंने खुद जाकर नेताओं से बात की और उनकी परेशानियों के बारे में जाना. सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था अकाल तख्त ने बादल को पंथ रतन फख्र-ए-कौम यानी प्राइड ऑफ दी फेथ की उपाधि से सम्मानित किया था.

ज्ञानी करतार सिंह को मानते थे राजनीतिक गुरु

अकाली दल का शुरू से ही संघर्ष के साथ गहरा रिश्ता रहा है. बादल को पार्टी का अनुशासित और वफादार कैडर माना जाता था. 1980 के दशक में लंबे उग्रवाद तक उन्होंने बहुत कुछ झेला. वह विभिन्न मोर्चों (आंदोलनों) के लिए जेल भी गए थे. बादल के बारे में कहा जाता है कि वह बिना झिझक के फैसले लेने में हमेशा आगे रहे थे. प्रकाश सिंह बादल ज्ञानी करतार सिंह को अपना राजनीतिक गुरु मानते थे.

पीएम मोदी ने कहा था नेल्सन मंडेला

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार प्रकाश सिंह बादल की उपस्थिति में ही उन्हें ‘भारत का नेल्सन मंडेला’ कहकर संबोधित किया था. पीएम मोदी ने कहा था कि इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पीएम मोदी ने कहा था कि ”बादल साहब यहां बैठे हैं. ये भारत के नेल्सन मंडेला हैं. बादल साहब जैसे लोगों का बस इतना ही गुनाह था कि सत्ता में बैठे लोगों से उनके विचार अलग थे.”

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