पटियाला, (PNL) : पटियाला पुलिस ने खन्ना से बुधवार शाम को अगवा किए गए छह साल के भवकीरत के अपहरण के केस को सुलझा लिया है। 15 मिनट तक चले एनकाउंटर के बाद पुलिस ने अपरणकर्ताओं के चंगुल से बच्चे को सुरक्षित बचाया है। इस ऑपरेशन में तीन पुलिस मुलाजिम घायल हुए हैं। जबकि मुख्य आरोपी जसप्रीत सिंह (23 साल) की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई है। आरोपी बच्चे के गांव में रहने वाला था।
इस सारे ऑपरेशन को पंजाब सीएम भगवंत मान और डीजीपी गौरव यादव पल-पल की अपडेट ले रहे थे। वहीं, डीजीपी गौरव यादव ने इस ऑपरेशन के बाद पूरी पुलिस टीम को दस लाख इनाम देने की घोषणा की है। पूरी वारदात फिल्मी स्टाइल में हुई। इस दौरान आरोपियों ने सीसीटीवी कैमरों से बचने के लिंक सड़कों का प्रयोग किया।
वारदात में अपनी गाड़ियों का प्रयोग नहीं किया। पटियाला के डीआईजी मंदीप सिंह ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि खन्ना की एसएसपी ज्योति यादव व वित्तमंत्री हरपाल सिंह चीमा बच्चे को परिजनों को सौंपा है। सीएम भगवंत मान ने बच्चे को सकुशल बचाने के लिए पंजाब पुलिस की पीठ थपथपाई है।
घर से किया बच्चे को अगवा
खन्ना में 6 वर्षीय बच्चे भवकीरत सिंह को बुधवार शाम सवा छह बजे अगवा कर लिया गया था। बच्चे को जब अगवा किया गया था, उस समय आंगन में खेल रहा था। उसे मास्क पहने दो व्यक्ति बाइक पर उठाकर ले गए थे। जैसे ही यह मामला पुलिस के संज्ञान में आया, इसके बाद इसे तुरंत मुख्यमंत्री भगवंत मान और डीजीपी गौरव यादव के ध्यान में लाया गया।
इसके बाद पुलिस ने तीन जिलों की पुलिस को अलर्ट पर रखा गया। रात दो बजे तक मलेरकोटला पुलिस ने बच्चों को अगवा करने वाले दो लोगों को ट्रेस कर लिया। इसके बाद दो आरोपियों को काबू कर लिया। लेकिन आरोपियों के पास बच्चा नहीं था, जिससे पुलिस की चिंता और बढ़ गई। इस दौरान आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि बच्चा जसप्रीत सिंह के साथ था।
फिर पुलिस आरोपियों के साथ पूरे इलाके में पड़ताल में जुटी हुई थी। उनकी योजना था कि वह परिवार से बच्चे को छोड़ने के बदले एक करोड़ लेंगे। वहीं, अगर पकड़े जाएंगे तो उससे पहले ही बच्चे का खत्म कर देंगे। जिससे पुलिस की चिंता और बढ़ गई।
इसके बाद पटियाला पुलिस ने आज शाम आरोपी को स्कॉर्पियो कार समेत घेर लिया। जब पुलिस ने उसे रुकने का इशारा किया, तो उसने पुलिस को फायरिंग कर दी। पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की। इस दौरान आरोपी घायल हो गया और उसे पकड़ लिया गया। इसके बाद बच्चे को कार की सीट के पास से बरामद कर लिया। बच्चा काफी डर गया था।
सात किलोमीटर तक किया था पीछा
बच्चे के दादा गुरजंट सिंह ने बताया कि वह पेशे से किसान हैं। उनकी लगभग पंद्रह एकड़ जमीन है, और वह ठेके पर जमीन लेकर भी खेती करते हैं। इसके अलावा, गांव में उनका आढ़त का काम भी है। जैसे ही दो आरोपी बच्चे को अगवा करके ले गए थे, तो उन्होंने करीब आठ किलोमीटर तक उनका पीछा किया, लेकिन आरोपी भागने में कामयाब रहे। गुरजंट सिंह ने कहा कि यह पक्की बात है कि आरोपी उनके बारे में सब कुछ जानते थे और उन्होंने पहले से रेकी भी की थी।
पहले मांगे एक करोड़, 30 लाख में डील
बच्चे के दादा गुरजंट ने बताया कि शुरुआत में आरोपियों ने कोई फोन नहीं किया, लेकिन बाद में उन्होंने कॉल करके एक करोड़ रुपए की फिरौती मांगी। गुरजंट सिंह ने साफ कह दिया कि उनके पास एक करोड़ रुपए नहीं हैं, बल्कि केवल तीस लाख रुपए ही उपलब्ध हैं। आरोपियों ने कहा था कि शाम आठ बजे तक पैसे का इंतजाम कर लें। इस बीच, गुरजंट सिंह ने इस बारे में पहले ही पुलिस को सूचना दे दी थी। जैसे ही पुलिस को आरोपियों की जानकारी मिली, उन्होंने कार्रवाई करते हुए एनकाउंटर के बाद उन्हें काबू कर लिया