जालंधर : एलपीयू के चांसलर व राज्यसभा सांसद डॉ. अशोक कुमार मित्तल प्रधानमंत्रीमोदी से मिले, पढ़ें
Punjab News Live -PNL
August 9, 2023
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जालंधर, (PNL) : लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के चांसलर व राज्यसभा सांसद डॉ. अशोक कुमारमित्तल ने अपने परिवार के सदस्यों के साथ हाल ही में भारत के माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्रमोदी से मुलाक़ात की। बैठक के दौरान, डॉ. मित्तल ने प्रधानमंत्री को वर्ष 2019 में एलपीयूमें आयोजित इंडियन साइंस कांग्रेस के दौरान उनकी यात्रा की याद दिलाई, जहां उन्होंनेवैज्ञानिक समुदाय को संबोधित किया था और “जय अनुसंधान” का नारा भी दिया था।
डॉ. मित्तल ने उच्च शिक्षा में रिसर्च और इनोवेशन तथा आर्थिक वृद्धि और विकास को बढ़ावादेने के लिए इंडस्ट्री–एकेडेमिया तालमेल को मजबूत करने के महत्व पर अपने विचार साझाकिए। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि कैसे एलपीयू अपने विद्यार्थियों को उद्योग–प्रासंगिकशिक्षा और ट्रेनिंग प्रदान करके नेशनल स्किल डेवलपमेंट मिशन में योगदान दे रहा है। डॉ. मित्तल ने शिक्षा क्षेत्र को निरंतर समर्थन के लिए प्रधान मंत्री का आभार व्यक्त किया औरसरकार की नई शिक्षा नीति (एनईपी) पहल के लिए भी प्रशंसा व्यक्त की।
डॉ. मित्तल ने प्रधान मंत्री को सूचित किया कि वे स्वंय तथा एलपीयू एनईपी नीति के लिएसरकार द्वारा उचित समझी जाने वाली किसी भी भूमिका को निभाने के लिए हमेशा तैयाररहेंगे। डॉ. मित्तल और उनकी पत्नी श्रीमती रश्मी मित्तल ने उन्हें एक गुलदस्ता भेंट किया औरपंजाब की हाथ से बुनी फुलकारी पहनाई (ओढ़ाई), जबकि उनकी पुत्री सृष्टि और दामादश्रेष्ठ खेतान ने एक चित्र, जिसमें पीएम मोदी के साथ उनकी स्वर्गीय मां की तस्वीर थी, भेंटकिया। इसके अलावा, डॉ. मित्तल ने अपने पुत्र प्रथम मित्तल के साथ पीएम मोदी को एकचित्रकारी भी भेंट की, जिसे एलपीयू के एक विद्यार्थी ने चित्रित किया था। इसी अवसर परप्रधानमंत्री मोदी ने विनम्रता से श्रेष्ठ खेतान के दादा श्री मुरली धरन खेतान की एक पुस्तकपर भी हस्ताक्षर किए।
पीएम मोदी ने मित्तल परिवार के साथ काफी समय बिताया और शिक्षा और विकास से जुड़ेविभिन्न विषयों पर चर्चा की | उन्होंने डॉ. मित्तल के विचारों की सराहना की और कहा किशिक्षा सुधार उनके दिल के बहुत करीब हैं। उन्होंने प्रगति और विकास को बढ़ाने में साइंसऔर टेक्नोलॉजी के महत्व को स्वीकार किया और बताया कि कैसे कृषि, रक्षा और स्वास्थ्यसेवा सहित विभिन्न क्षेत्रों में विज्ञानं और प्रौद्योगिकी के इस महत्व पर जोर देने के लिए ही“जय जवान,” “जय किसान,” और “जय विज्ञान” के नारे में “जय अनुसंधान” का नारा जोड़ागया।