सीक्रेट सर्विस की हाईटेक सिक्योरिटी के बावजूद अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप पर कैसे चली गोली, सुरक्षा में चूक या साजिश?
Punjab News Live -PNL
July 14, 2024
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न्यूज डेस्क, (PNL) : अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ऊपर हुए जानलेवा हमले की तस्वीरें जिसने भी देखी, उसे यकीन नहीं हो रहा है. चुनावी रैली में ताबड़तोड़ गोलियां चलीं और एक गोली ट्रंप के कानों को छूती हुई निकल गई. इस जानलेवा हमले में उनकी जान बाल-बाल बच गई, लेकिन पेंसिलवेनिया की रैली में हुई ये घटना तमाम वाल भी खड़े कर गई है. सबसे बड़ा सवाल ये कि कैसे दुनिया के सबसे शक्तिशाली मुल्क के पूर्व राष्ट्रपति की सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक हुई?
कैसे हमलावर ट्रंप की चुनावी रैली के इतने करीब हथियार लेकर पहुंच गया? कैसे ट्रंप के सुरक्षा घेरे में तैनात एजेंसी को इसकी भनक तक नहीं लगी? दरअसल, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपतियों की सुरक्षा का जिम्मा यूएस सीक्रेट सर्विस का होता है.
यूएस सीक्रेट सर्विस के एजेंट हर पल पूर्व राष्ट्रपतियों की सुरक्षा में तैनात होते हैं. वो जहां भी जाते हैं, सीक्रेट सर्विस के एजेंट उनके साथ-साथ रहते हैं. ऐसे में ट्रंप पर हमले के बाद सवाल उठ रहे है कि जब पूर्व राष्ट्रपति की सुरक्षा इतनी चाक चौबंद होती है तो कैसे उन पर गोली चली? क्या उन पर किसी साजिश के तहत हमला किया गया है?
महज 100 मीटर की दूरी से कैसे एक शूटर ने ट्रंप को निशाना बनाया? इस दौरान सीक्रेट सर्विस क्या कर रही थी? छत से यदि निशाना बनाया गया तो उसके एजेंट क्या कर रहे थे? रैली की आसपास की बिल्डिंग की छतों पर सीक्रेट सर्विस क्यों नहीं मुस्तैद थी? सवाल कई हैं और एफबीआई सहित कई अमेरिकी एजेंसियां इसकी पड़ताल में जुटी हैं.
एफबीआई हमले और हमलावर से जुड़ी सभी जानकारियां जुटा रही है. हमलावर के कितने सहयोगी थे, इसकी भी जांच कर रही है. लेकिन बड़ी बात ये है कि अमेरिका ऐसा देश है, जहां पहले ही बड़ी राजनीतिक हत्याएं हो चुकी हैं. डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिका के पहले राष्ट्रपति या पूर्व राष्ट्रपति नहीं हैं, जिनकी इस तरह से हत्या की कोशिश की गई है.