जालंधर वेस्ट पर मेहरबान रही आप, शीतल और रिंकू के बाद अब मोहिंदर का बनाया भविष्य, भगत जो सोचकर पार्टी में आए थे, उससे कई गुणा ज्यादा मिला, पढ़ें पूरी स्टोरी
Punjab News Live -PNL
July 14, 2024
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संदीप साही
जालंधर, (PNL) : 92 सीटें जीतकर पंजाब की राजनीति में आई आम आदमी पार्टी ने उन लोगों को भी विधायक बना दिया, जिन्होंने कभी पार्षद बनने का भी सपना नहीं देखा था। उनमें से एक मोहिंदर भगत भी थे, जो दो बार चुनाव हारकर थक चुके थे। उन्होंने जो सोचकर आप ज्वाइन की थी, पार्टी ने उससे कई गुणा ज्यादा उन्हें सौंप दिया।
इसी तरह शीतल का भविष्य भी आप ने ही बनाया था। 2022 में आप की लहर के कारण ही शीतल जीत गए थे। उन्होंने कांग्रेस के मौजूदा विधायक सुशील रिंकू को हराया था। अंगुराल का ये पहला विधानसभा चुनाव था, जिसमें वह पहली बार में ही सफल हो गए थे।
अब बात करते हैं कि सुशील रिंकू की। रिंकू कांग्रेस की तरफ से 2022 में विधानसभा चुनाव हार गए तो 2023 में उन्होंने आप ज्वाइन कर ली। पार्टी ने रिंकू को जालंधर लोकसभा उप-चुनाव में प्रत्याशी बनाया और सीएम भगवंत मान ने पूरा जोर लगाकर उन्हें सांसद बना दिया। उसके बाद रिंकू के पास पूरी पावर भी दी गई थी।
2024 के लोकसभा चुनाव से पहले शीतल और रिंकू एक साथ आप छोड़ गए और भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा ने रिंकू जालंधर लोकसभा चुनाव में टिकट दी और रिंकू हार गए। उसके बाद शीतल को जालंधर वेस्ट उप-चुनाव में टिकट दी तो शीतल भी हार गए। यानि कि आप का साथ छोड़ने वाले ये दोनों नेता ही चुनाव हार गए।
अब बात करते हैं मोहिंदर भगत की। भगत ने 2017 में चुनाव लड़ा तो वह सुशील रिंकू से हार गए थे। उसके बाद 2022 का चुनाव भी भगत भाजपा से लड़े और हार गए। एक समय तो भगत विधायक बनने का सपना भी छोड़ चुके थे। 2023 में जब रिंकू ने आप ज्वाइन की तो भगत भी आप में आ गए। उस समय ना तो रिंकू ने आप छोड़ी थी और ना ही शीतल ने।
अंदरखाते तो ये भी कहा जा रहा है कि भगत सिर्फ गनमैन लेने के लिए पार्टी में आए थे, लेकिन समय का फेर देखिए। आज वही भगत विधायक बन गए और अब आप द्वारा उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाना लगभग तय हैं। यानि कि भगत जो सोचकर पार्टी में आए थे, उन्हें उससे कई गुणा ज्यादा मिलने जा रहा है।