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तरनतारन उप-चुनाव : विधायक लालपुरा को सजा दिलवाने वालीं हरबिंदर उसमां भी चुनाव मैदान में उतरी, पढ़ें

न्यूज डेस्क, (PNL) : पंजाब के तरनतारन जिले में खडूर साहिब से विधायक मनजिंदर सिंह लालपुरा को चार साल की सजा दिलाने वाली हरबिंदर कौर उसमां भी तरनतारन का उप-चुनाव लड़ रही हैं। हरबिंदर कौर उम्मीदवार के तौर पर जनता के बीच चर्चा का केंद्र बन गई हैं।

एक तरफ जहां बड़े दल- कांग्रेस, बीजेपी, आप और अकाली दल अपने प्रत्याशियों के साथ मैदान में हैं, वहीं हरबिंदर उसमां की एंट्री ने मुकाबले को रोचक बना दिया है।

हरबिंदर कौर उसमां अपने गांव और जिला तरनतारन के लिए सामाजिक न्याय, महिला सम्मान और पुलिस अत्याचार जैसे मुद्दों को लेकर मैदान में उतरी है। उनका कहना है कि तरनतारन में नशा बहुत बड़ चुका है। गैंगस्टर आए दिन धमकियां देते हैं। बेरोजगार नौकरी को तरस रहा है और जिनके पास नौकरी हे, उन्हें कांट्रेक्ट पर रखा उनका शोषण किया जा रहा है।

तकरीबन 12 साल पुराने चर्चित मामले के फैसले से दो महीने पहले ही वह चुनाव में उतरने की घोषणा कर चुकी थी। उनका कहना है कि लोगों का समर्थन मिल रहा है। लोग आज तक जिन समाज के दबाव में दबे लोगों को दबा रहे हैं, वे उनकी आवाज बनन चाहती हैं।

उसमां गांव की रहने वालीं : हरबिंदर सिंह उसमां पंजाब के तरनतारन जिले के उसमां गांव के निवासी हैं। उनका नाम पहली बार चर्चित हुआ जब 2013 में उनके परिवार के साथ सामाजिक और पुलिसिया अत्याचार की बड़ी घटना सामने आई।

2013 से चर्चा में आईं : 2013 में एक शादी में गए हरबिंदर सिंह उसमां और उनके परिवार के साथ टैक्सी ड्राइवरों ने छेड़छाड़ और हाथापाई की। परिवार ने जब विरोध किया, तो पुलिस को बुलाया गया लेकिन पुलिसकर्मियों ने बजाय मदद करने के, उल्टा पीड़ित परिवार की महिलाओं और पुरुषों के साथ मारपीट की, उन्हें सरेआम अपमानित किया गया। इस घटना का वीडियो वायरल हो गया जिससे पूरे पंजाब में गुस्सा और विरोध की लहर दौड़ गई।

12 साल लड़ी कानूनी लड़ाई, अभी भी जारी : घटना के बाद हरबिंदर सिंह ने न सिर्फ कानूनी लड़ाई लड़ी बल्कि मीडिया और समाज के दबाव में पुलिस अधिकारी और आरोपी पक्षों पर कार्रवाई को मजबूर किया गया। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया और उसमां परिवार को सुरक्षा दिलवाई। यह मामला 12 साल तक कोर्ट में चला।

AAP के विधायक के खिलाफ कोर्ट में लड़ीं : 2025 में तरनतारन अदालत ने इस घटना में शामिल मुख्य आरोपियों, जिनमें AAP के विधायक मनजिंदर सिंह लालपुरा और सात पुलिसकर्मी शामिल थे, उन्हें सजा सुनाई। हरबिंदर सिंह ने अपनी बहन के साथ मिलकर इस संघर्ष को मुकाम तक पहुंचाया।

कई बार धमकियां मिली : इस लड़ाई में उन्हें कई बार धमकियों, सामाजिक दबाव और आर्थिक कठिनाइयों का भी सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। आज वह समाज में पुलिसिया अत्याचार, महिला सम्मान, गरीबों के अधिकार और न्याय की लड़ाई के प्रतीक माने जाते हैं। हरबिंदर कौर उसमां का कहना है कि अब केस की सुनवाई हाईकोर्ट तक पहुंची है। वे इंसाफ के लिए लड़ती रहेंगी।

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