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पंजाब पुलिस ने राज्यभर में 1274 इमिग्रेशन फर्मों पर की छापेमारी, 24 FIR दर्ज, 7 गिरफ्तार

चंडीगढ़, (PNL) : मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देशानुसार, विदेश जाने के इच्छुक युवाओं को अवैध ट्रैवल एजेंटों के जाल में फंसने से बचाने के लिए, पंजाब पुलिस ने राज्यभर में 1274 इमिग्रेशन फर्मों पर छापेमारी की और तलाशी अभियान चलाया।

अवैध ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ यह ऑपरेशन पुलिस महानिदेशक (डी जी पी) पंजाब गौरव यादव के निर्देशानुसार सोमवार सुबह 11 बजे से देर शाम तक राज्य के सभी 28 पुलिस जिलों में एक साथ चलाया गया। यह कार्रवाई अमेरिका से भारतीय नागरिकों को डिपोर्ट किए जाने की पृष्ठभूमि में चल रहे राज्यव्यापी अभियान के तहत की गई।

इस संबंध में जानकारी देते हुए कानून एवं व्यवस्था के स्पेशल डीजीपी अर्पित शुक्ला, जो इस राज्यव्यापी ऑपरेशन की व्यक्तिगत रूप से निगरानी कर रहे थे, ने बताया कि पुलिस टीमों ने डिफॉल्टर ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ कम से कम 24 एफआईआर दर्ज की हैं और उनमें से सात ट्रैवल एजेंटों को गिरफ्तार किया गया है।

उन्होंने बताया कि सभी सीपी/एसएसपी को राजपत्रित अधिकारियों की निगरानी में विशेष पुलिस टीमें गठित करने का निर्देश दिया गया था, ताकि उनके अधिकार क्षेत्र में स्थित सभी इमिग्रेशन और ट्रैवल एजेंट फर्मों की जांच की जा सके।

स्पेशल डीजीपी ने बताया कि सभी सीपीज/एसएसपीज को उन ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए थे, जो पंजाब ट्रैवल प्रोफेशनल्स रेगुलेशन एक्ट, 2012 के अनिवार्य प्रावधानों और प्रक्रियाओं का उल्लंघन कर रहे थे या जिन्होंने विदेश में अवैध प्रवेश की सुविधा देने के झूठे वादों के साथ भोले-भाले लोगों को धोखा दिया था।

पंजाब ट्रैवल प्रोफेशनल्स रेगुलेशन एक्ट, 2012 के तहत,सभी ट्रैवल एजेंटों को डिप्टी कमिश्नर कार्यालय से लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य है, जो पांच वर्षों के लिए वैध होता है और अगले पांच वर्षों के लिए नवीनीकृत किया जा सकता है।

लाइसेंस प्राप्त एजेंटों को अपने लाइसेंस को प्रमुखता से प्रदर्शित करना, ग्राहकों और सेवाओं का रिकॉर्ड रखना और विज्ञापन या सेमिनार आयोजित करने से पहले अधिकारियों को सूचित करना आवश्यक है।

इसके अलावा, एजेंटों को अपनी लाइसेंसशुदा सेवाओं के अलावा मानव तस्करी या अवैध आप्रवासन सहायता जैसी गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने से प्रतिबंधित किया गया है।

इन नियमों का पालन न करने पर लाइसेंस निलंबित या रद्द किया जा सकता है और कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

स्पेशल डीजीपी अर्पित शुक्ला ने बताया कि डीजीपी पंजाब द्वारा एडीजीपी एनआरआई मामलों के प्रमुख प्रवीण सिन्हा की अगुवाई में चार सदस्यीय विशेष जांच टीम (एस आई टी ) का गठन किया गया है, जो डिपोर्ट किए गए व्यक्तियों की शिकायतों की जांच कर रही है, ताकि अवैध ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सके।

उन्होंने नागरिकों को सतर्क रहने और ट्रैवल एजेंटों को दस्तावेज और पैसे देने से पहले उनके प्रमाणपत्रों की पुष्टि करने की सलाह दी। साथ ही, उन्होंने नागरिकों को केवल उन्हीं एजेंसियों से संपर्क करने की सलाह दी, जिनके पास पंजाब ट्रैवल प्रोफेशनल्स रेगुलेशन एक्ट, 2012 के तहत डिप्टी कमिश्नर द्वारा जारी वैध लाइसेंस हो।

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