Amritsar, India March 10, 2025::: Newly appointed acting Jathedar of Akal Takht and Jathedar of Takht Kesgarh Sahib Giani Kuldeep Singh Gargaj being presented dastar at Akal Takht Golden Temple, Amritsar, India. On Monday, March 10, 2025. (Photo by Sameer Sehgal/Hindustan Times)
श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार की ताजपोशी पर छिड़ा विवाद, ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा- ताजपोशी मर्यादा के अनुसार नहीं हुई, पंथ में रोष उठना स्वाभाविक
Punjab News Live -PNL
March 11, 2025
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अमृतसर, (PNL) : श्री केसगढ़ साहिब के नव-नियुक्त जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज की ताजपोशी पर सवाल उठ गए हैं। पूर्व जत्थेदार और श्री दरबार साहिब के मुख्य ग्रंथी ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि जब किसी जत्थेदार की ताजपोशी अनुशासन और मर्यादा के अनुसार नहीं होती, तो पंथ में रोष उठना स्वाभाविक है।
ज्ञानी रघबीर सिंह ने बताया कि हाल ही में हुई ताजपोशी को लेकर देश-विदेश से लोग फोन करके सवाल पूछ रहे हैं। हालांकि, उन्होंने इस मुद्दे पर व्यक्तिगत रूप से कोई टिप्पणी करने से मना किया है, क्योंकि वह नहीं चाहते कि इस मामले पर कोई विवाद पैदा हो।
ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि जब किसी जत्थेदार की नियुक्ति होती है, तो इस प्रक्रिया को बहुत सम्मान और मर्यादा के साथ किया जाता है। पहले मीडिया में इसकी सूचना दी जाती है और बाद में यह सूचना विभिन्न जत्थेबंदियों, टकसालों, संप्रदायों और संत महापुरुषों को भेजी जाती है।
जानें क्या है ताजपोशी की मर्यादा
ज्ञानी रघबीर सिंह ने बताया कि गुरु की हाजरी में गुरमत समागम होता है, फिर पहुंची प्रमुख शख्सियतें स्पीकर पर बोलती हैं और गुरु चरणों में अरदास की जाती है, हुकमनामा पढ़ा जाता है, कड़ा प्रसाद की देग की जाती है, फिर जत्थेदार की ताजपोशी का समागम होता है।
पारंपरिक रूप से होती है ताजपोशी
उन्होंने यह भी कहा कि ताजपोशी से पहले यह पूरी प्रक्रिया पारंपरिक रूप से होती है, लेकिन हाल में जो घटनाएं हुई हैं, उन पर पंथ के मन में आक्रोश है। ताजपोशी के समय गुरु ग्रंथ साहिब जी के प्रकाश से पहले पालकी साहिब को मथा टेकने का कार्य किया गया और शस्त्र भी उचित तरीके से प्रस्तुत नहीं किए गए, जो कि मर्यादा का उल्लंघन है।
ज्ञानी रघबीर सिंह ने सिख समुदाय से अपील की है कि वे इस मुद्दे पर गहरे सोच-विचार करें और इस पर विचार करें कि सिख पंथ की मर्यादाओं का उल्लंघन होना पंथ के लिए ठीक नहीं है।
ऐसे हुई थी ताजपोशी
पंजाब में बीते दिन सोमवार निहंगों के विरोध के बीच तख्त श्री केशगढ़ साहिब के नए जत्थेदार के तौर पर ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज की दस्तारबंदी कर दी गई। इसके साथ ही उन्हें सिख धर्म के सर्वोच्च श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार का भी अतिरिक्त प्रभार दे दिया गया।
दस्तारबंदी के लिए पहले सोमवार सुबह 11 बजे का समय रखा गया था, लेकिन ये ताजपोशी अलसुबह 2.50 बजे की गई। वहीं शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के सदस्य रघुबीर सिंह विर्क ने तर्क दिया कि होला महल्ला के मेले के चलते रात में श्री गुरु ग्रंथ साहिब का प्रकाश किया गया और भीड़ को देखते हुए रात के समय ही ताजपोशी भी कर दी गई।
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