इस्तीफा मंजूरी पर टिकी जालंधर वेस्ट की सियासत, उप-चुनाव में क्या शीतल अंगुराल मार सकेंगे बाजी?
Punjab News Live -PNL
April 2, 2024
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संदीप साही
जालंधर, (PNL) : एक तरफ जहां देशभर में लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है, वहीं जालंधर की सियासत भी इन दिनों काफी गर्माई हुई है। जालंधर के मौजूदा सांसद सुशील कुमार रिंकू और शीतल अंगुराल ने आप छोड़कर भाजपा ज्वाइन कर ली है। इन दोनों के इस फैसले ने आम आदमी पार्टी के साथ-साथ सबको चौंका कर रख दिया था। रिंकू को बीजेपी ने जालंधर से उम्मीदवार बना दिया है जबकि शीतल ने विधायक पद से अपना इस्तीफा पंजाब विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवां को भेजा है, लेकिन उसे अभी तक मंजूर नहीं किया गया है। इसी तरह चब्बेवाल से डा. राजकुमार चब्बेवाल का भी इस्तीफा अभी मंजूर नहीं किया गया।
कहा जा रहा है कि प्रत्येक विधायक द्वारा दिए गए इस्तीफे की नियमित रूप से जांच की जाती है। इस्तीफा मंजूर किए जाने से पहले पंजाब विधानसभा के स्पीकर का पक्ष भी देखा जाएगा। देखना होगा कि दोनों ने पार्टी के डर या दबाव में इस्तीफा तो नहीं दिया है। बता दें कि चब्बेवाल कांग्रेस पार्टी के विधायक थे। उन्होंने कांग्रेस छोड़कर आप ज्वाइन कर ली थी। पार्टी ने उन्हें होशियारपुर से उम्मीदवार बनाया है।
इस्तीफा मंजूर हुआ तो लोकसभा के साथ ही हो सकते हैं चुनाव
जानकारी के अनुसार अगर दोनों विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता है तो लोकसभा चुनाव के साथ-साथ विधानसभा की दोनों खाली सीटों पर भी उपचुनाव कराना पड़ेगा। कानून के मुताबिक, विधानसभा की रिक्त सीटों के उपचुनाव की अधिसूचना चुनाव आयोग द्वारा की जानी होती है।
इस्तीफा मंजूरी पर टिकी वेस्ट की सियासत
रिंकू और शीतल के भाजपा में जाने से आप के पास फिलहाल कोई बड़े चेहरा वेस्ट में नहीं है। बीजेपी चाहती है कि शीतल का इस्तीफा मंजूर हो जाए और 1 जून वाली वोटिंग में वेस्ट हलके के भी चुनाव हो जाएं। क्योंकि इस समय रिंकू और शीतल इक्ट्ठे हैं। दोनों ही वेस्ट में मजबूत है। अगर 1 जून को उप-चुनाव हो जाते हैं तो शीतल के जीत के आसार हैं। अगर इस्तीफा मंजूर नहीं किया जाता तो उप-चुनाव 1 जून के बाद होंगे तो स्थिति अलग होगी। हालांकि कहा जा रहा है कि बीजेपी इस्तीफा मंजूर वाले मामले को लेकर कोर्ट जा रही है। अब देखना होगा कि आने वाले समय में राजनीति किस तरह करवट लेती है।