लोकसभा चुनावों में पंजाब के वोटर कभी राज्य सरकार के साथ तो कभी खिलाफ, पढ़ें सभी पार्टियों की परफार्मेंस
Punjab News Live -PNL
March 17, 2024
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चंडीगढ़, (PNL) : देशभर में लोकसभा चुनावों का बिगुल बज चुका है। पंजाब में लोकसभा की 13 सीटें हैं। पिछले 3 लोकसभा चुनाव की बात करें तो पंजाब का वोटर कभी प्रदेश की सरकार के साथ तो कभी उसके खिलाफ रहा।
2019 के लोकसभा चुनाव में पंजाब में कांग्रेस की सरकार थी। इस दौरान पार्टी ने 13 में से 8 सीटें अपनी झोली में डालीं। वहीं, अकाली दल-भाजपा के गठबंधन को 2-2 यानी कुल 4 सीटें मिली। आम आदमी पार्टी (AAP) यहां एक सीट पर सिमट गई। AAP के सिर्फ भगवंत मान ही संगरूर सीट से जीत पाए।
अगर 2014 की बात की जाए तो उस चुनाव में मोदी लहर के बावजूद AAP ने पंजाब में शानदार प्रदर्शन करते हुए पूरे देश को चौंका दिया था। तब पार्टी ने 13 लोकसभा सीटों में 4 पर जीत दर्ज की। हालांकि 2014 में भी पंजाब के वोटरों का राज्य की सरकार के साथ जाने का ट्रेंड देखने को मिला। उस समय राज्य में अकाली दल-भाजपा गठबंधन की सरकार थी और इन दोनों पार्टियों ने मिलकर सबसे ज्यादा 6 सीटें जीती। कांग्रेस को तब महज 3 सीटें मिल पाईं।
2009 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी पंजाब में अकाली दल-भाजपा गठबंधन की सरकार थी, लेकिन तब पंजाबी वोटरों ने उसके खिलाफ मतदान किया। 2009 में कांग्रेस को सबसे ज्यादा 8, अकाली दल को 4 और भाजपा को 1 सीट पर विजय मिली।
अहम बात यह है कि ये तीनों ही चुनाव अकाली दल और भाजपा ने गठबंधन में साथ मिलकर लड़े। अब 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए फिलहाल दोनों के बीच गठबंधन नहीं है। हालांकि दोनों के दोबारा साथ आने की अटकलें जोरों पर हैं।
पंजाब-हरियाणा की संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ की बात की जाए तो यहां हमेशा भाजपा और कांग्रेस के बीच ही सीधा मुकाबला रहा है। पिछले 3 चुनाव में भाजपा को यहां फायदा दिखा। 2019 में उसे 57% वोट शेयर मिला।
2014 में भाजपा ने यहां सेलिब्रिटी कार्ड खेलते हुए किरण खेर को मैदान में उतारा। तब किरण खेर ने यहां कांग्रेस के दिग्गज नेता पवन कुमार बंसल को पटखनी दी। हालांकि 2009 में कांग्रेस ने चंडीगढ़ सीट पर भाजपा को हराया था।