चंडीगढ़, (PNL) : मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार द्वारा राज्य में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत बनाने के लिए शुरू की गई “आम आदमी क्लीनिक” परियोजना ने एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल करते हुये केवल तीन सालों में, इन क्लीनिकों में ओपीडी (आउटपेशेंट विभाग) में आने वाले मरीजों ने 4.20 करोड़ और लैब टैस्ट किये गये 2.29 करोड़ लैब टेस्टों ने बेमिसाल आंकड़े को पार कर लिया है।
आज यहां इस संबंध में जानकारी देते हुए पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि 15 अगस्त 2022 से अब तक राज्य के 4.20 करोड़ से अधिक लोगों ने 881 आम आदमी क्लीनिकों में मुफ्त इलाज प्राप्त किया है। उल्लेखनीय है कि इनमें से 316 क्लीनिक शहरी क्षेत्रों में और 565 ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित हैं, जहां मुफ्त इलाज की सुविधा दी जा रही है। इसके अलावा, 107 प्रकार की मुफ्त दवाइयां और 47 प्रकार के मुफ्त डायग्नोस्टिक टेस्ट उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि विभाग सभी 107 आवश्यक दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने हालिया सर्वेक्षण के नतीजे साझा करते हुए बताया कि 98 प्रतिशत मरीजों ने क्लीनिक से ही दवाइयां मिलने की पुष्टि की है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सभी आवश्यक दवाइयों का पर्याप्त स्टॉक हर समय उपलब्ध रहे।
आम आदमी क्लीनिकों में आने वाले लोगों की गिनती संबंधी जानकारी देते हुये डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि इन क्लीनिकों में औसतन प्रतिदिन लगभग 73,000 मरीजों को इलाज की सुविधा प्रदान कर रहे हैं और प्रत्येक क्लीनिक में औसतन 83 मरीज प्रतिदिन आते हैं। यह आंकड़ा क्लीनिकों की दक्षता और लोगों के भरोसे को दर्शाता है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 4.20 करोड़ व्यक्तियों में से 1.50 करोड़ लोग पहली बार आए, जोकि क्लीनिकों की व्यापक पहुंचयोग्यता को दर्शाता है जबकि 2.7 करोड़ मरीज दोबारा आए, जो मरीजों के विश्वास और संतुष्टि का प्रमाण है। इन क्लीनिकों ने नागरिकों के स्वास्थ्य खर्च में 2000 करोड़ रुपये की बचत कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि ओपीडी में आने वाले मरीजों में 54 प्रतिशत महिलाएं हैं, जो स्वास्थ्य क्षेत्र में एक सकारात्मक परिवर्तन का संकेत है। ये क्लीनिक पारंपरिक बाधाओं को तोड़ते हुए सभी नागरिकों के लिए समान पहुंच सुनिश्चित कर रहे हैं। इसके अलावा, 13.9 प्रतिशत विजिट बच्चे और किशोर (0-15 वर्ष आयु वर्ग) द्वारा, 61.3 प्रतिशत विजिट वयस्कों (16-60 वर्ष आयु वर्ग) द्वारा और 24.8 प्रतिशत विजिट वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष से अधिक) द्वारा किए जा रहे हैं। यह विविध आयु प्रतिनिधित्व आम आदमी क्लीनिकों की समर्पित स्वास्थ्य सेवा भावना को उजागर करता है।
स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी बताया कि हर क्लीनिक आईटी बुनियादी ढांचे से लैस है, जिससे रजिस्ट्रेशन, डॉक्टर की सलाह, जांच और प्रिस्क्रिप्शन की पूरी प्रक्रिया डिजिटाइज्ड की गई है।