चंडीगढ़, (PNL) : ब्यास नदी के साथ लगने वाले क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के कारण पौंग डैम में लगभग 7 लाख क्यूसिक से अधिक पानी की आमद होने के कारण पाँच जिलों के निवासियों को नदी के नज़दीक न जाने की सलाह दी है।
पौंग डैम का मौजूदा स्तर 1395.91 फुट है और अधिक से अधिक स्तर 1390.00 फुट निर्धारित किया गया है, जबकि डैम की बनावट के मुताबिक इसके पानी का स्तर 1421 फुट हो सकता है और डैम 1400 फुट तक पानी को आसानी से रोकने की क्षमता रखता है। भविष्य में पानी का बहाव ज़्यादा होने की स्थिति से निपटने के लिए डैम से लगभग 68,000 क्यूसिक पानी को कंट्रोल्ड तरीके से छोड़े जाने का फ़ैसला किया गया है। पानी को कंट्रोल तरीके से छोड़ा जायेगा और इसको धीरे-धीरे बढ़ाया जायेगा। यह फ़ैसला भविष्य में पानी का बहाव बढऩे की स्थिति से निपटने के लिए लिया गया है और यदि भविष्य में पानी का बहाव बढ़ता है तो डैमों की भंडारण क्षमता काफ़ी है।
जल संसाधन मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने कहा कि पाँच जिलों गुरदासपुर, अमृतसर, होशियारपुर, कपूरथला और तरनतारन जिलों के लोगों को नदी के नज़दीक न जाने की सलाह दी जाती है। पानी के बहाव को रोकने के लिए नदी के किनारों को और अधिक मज़बूत किया गया है और विभाग के फील्ड स्टाफ को 24 घंटे स्थिति पर नजर रखने के लिए कहा है।
इसी दौरान मुख्य सचिव अनुराग वर्मा ने हिमाचल प्रदेश में पड़ रही भारी बारिश के कारण डैमों में आ रहे अतिरिक्त पानी के कारण पैदा हुई स्थिति के मद्देनजऱ सभी डिप्टी कमिश्नरों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा मीटिंग की। मुख्य सचिव ने कहा कि लोगों के जान-माल की सुरक्षा सबसे बड़ी प्राथमिकता है और नदियों के साथ बसे लोगों को सुरक्षित रखने पर काम करें। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने और ज़रूरत पडऩे पर राहत कैंप लगाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि संवेदनशील जगहों की निरंतर चौकसी रखी जाये और किसी भी ज़रूरत पडऩे पर जल संसाधन विभाग और उनके दफ़्तर के साथ तुरंत सम्पर्क कायम किया जाये। मीटिंग में प्रमुख सचिव कृष्ण कुमार भी उपस्थित थे।