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ट्रांसपोर्टरों से लाखों रुपये की रिश्वत लेने वाला क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी का गनमैन विजीलेंस ब्यूरो द्वारा काबू

चंडीगढ़, (PNL) : पंजाब विजीलेंस ब्यूरो ने भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाई जा रही मुहिम के तहत क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण (आर.टी.ए.) बठिंडा के साथ गनमैन के रूप में तैनात सिपाही सुखप्रीत सिंह को अपने सहयोगियों की मदद से ट्रांसपोर्टरों से लगभग 20-25 लाख रुपये मासिक रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है। मोहाली अदालत ने आरोपी को चार दिन के पुलिस रिमांड पर विजीलेंस ब्यूरो की हिरासत में भेज दिया है।

इस संबंध में जानकारी देते हुए विजीलेंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि यह गिरफ्तारी मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार विरोधी कार्रवाई लाइन के तहत बठिंडा जिले के रामपुरा कस्बे के नजदीकी गांव लहरा धुरकोट के एक ट्रांसपोर्टर धर्म सिंह द्वारा की गई ऑनलाइन शिकायत के आधार पर की गई है।

प्रवक्ता ने बताया कि शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि सहायक परिवहन अधिकारी (ए.टी.ओ.) द्वारा उनके ट्रकों और टिपरों के चालान किए जा रहे थे। सिपाही सुखप्रीत सिंह और कस्बा मौड़, जिला बठिंडा निवासी जग्गी सिंह उससे अंकित कुमार,सहायक ट्रांसपोर्ट अधिकारी (ए टी ओ) बठिंडा और अन्य के नाम पर उस(शिकायतकर्ता) ट्रकों और टिपरों को चालान और जुर्माने से बचाने के लिए प्रति ट्रक 1800 रुपये मासिक “सुरक्षा राशि” की मांग कर रहे थे। शिकायतकर्ता ने दबाव में ए.टी.ओ. के गनमैन गुरंजीत सिंह द्वारा दिए गए मोबाइल नंबर पर गूगल पे के माध्यम से 15,000 रुपये अदा किए थे। शिकायतकर्ता ने आरोपियों के साथ हुई बातचीत रिकॉर्ड कर ली थी और इसे सबूत के रूप में विजीलेंस ब्यूरो को सौंप दिया।

इस शिकायत की जांच के दौरान आरोपों को सही पाया गया क्योंकि आरोपी कर्मचारी ट्रांसपोर्ट वाहनों को बिना रोक-टोक चलने देने के बदले रिश्वत की मांग कर रहे थे। शिकायतकर्ता के बयान और ऑडियो सबूतों के आधार पर सिपाही सुखप्रीत सिंह और जग्गी सिंह के खिलाफ विजीलेंस ब्यूरो पुलिस थाना, फ्लाइंग स्क्वाड-1, पंजाब, मोहाली में एफआईआर दर्ज की गई है।

फ्लाइंग स्क्वाड टीम की पूछताछ में सिपाही सुखप्रीत सिंह ने ट्रांसपोर्टरों से रिश्वत मांगने और लेने की बात स्वीकार की। प्रवक्ता ने आगे बताया कि इन व्यक्तियों और उनके सहयोगियों द्वारा ट्रांसपोर्टरों से लगभग 20-25 लाख रुपये मासिक वसूले जा रहे थे।

पूछताछ के दौरान सिपाही सुखप्रीत सिंह ने बताया कि रिश्वत लेने के लिए जगी सिंह और कुछ छोटे ट्रांसपोर्टरों सहित आम व्यक्तियों की मदद ली जाती थी। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि ए.टी.ओ. अंकित कुमार का एक अन्य गनमैन सिपाही गुरंजीत सिंह ट्रांसपोर्टरों से 8-10 लाख रुपये मासिक वसूलता था, जबकि शेष ट्रांसपोर्टरों से सुखप्रीत खुद 7-8 लाख रुपये वसूलता था।

प्रवक्ता ने कहा कि ए.टी.ओ. बठिंडा, उसके गनमैन गुरंजीत सिंह और अन्य व्यक्तियों की भूमिका जांच के अधीन है और उन्हें जांच में शामिल होने के लिए बुलाया गया है ताकि सुखप्रीत सिंह द्वारा किए गए इकबालिया बयान सहित अन्य सबूतों के आधार पर आमने-सामने पूछताछ की जा सके। प्रवक्ता ने कहा कि इस जांच के आगे बढ़ने के साथ और खुलासे होने की उम्मीद है।

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