चंडीगढ़, (PNL) : 1980 के दशक की शुरुआत में जब पंजाब अशांत दौर से गुजर रहा था, उस समय पूर्व CM अमरिंदर सिंह को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने एक अहम जिम्मेदारी सौंपी थी। उन्हें जरनैल सिंह भिंडरावाले से मुलाकात का काम सौंपा गया था। लेकिन हमले की आशंका की वजह से आखिरी क्षण में ये मीटिंग रद्द कर दी गई थी।
इस कहानी का जिक्र वरिष्ठ पत्रकार और लेखिका हरिंदर बावेजा ने अपनी नई किताब दे विल शूट यू, मैडम माय लाइफ थ्रू कॉन्फ्लिक्ट में किया है। दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर (IIC) में किताब के लोकार्पण कार्यक्रम में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी यह वाकया सुनाया। इसी दौरान उन्होंने भिंडरावाले के बिस्तर पर सोने का किस्सा भी सुनाया।
भिंडरावाले से बैठक तय करने के लिए कहा: पूर्व CM अमरिंदर सिंह ने कहा कि राजीव गांधी ने मुझसे पूछा था कि क्या आप भिंडरावाले के साथ बैठक तय कर सकते हैं। मैंने कहा था कि प्रयास करूंगा। इसलिए मैंने पंजाब पुलिस के एसएसपी सिमरन सिंह मान को पूछा, जो कि मेरे बहुत करीबी थे।
इंदिरा गांधी ने कहा- मीटिंग रद्द करें: अमरिंदर ने कहा कि हम मिलने के लिए तैयार हो गए। भिंडरावाले अंबाला हवाई अड्डे पर आने को तैयार थे। हम उड़ान भरने वाले थे कि तभी संदेश मिला कि इंदिरा गांधी चाहती हैं कि वह बैठक रद्द कर दें और वापस आ जाएं।
मीटिंग रद्द होने पर नाराज हुआ भिंडरावाला: पूर्व CM ने कहा कि इससे भिंडरावाले नाराज हो गया। लेकिन मैंने किसी तरह भिंडरावाले को यह बताकर शांत किया कि विमान में तकनीकी खराबी आ गई है। तीन हफ्ते बाद राजीव गांधी ने फिर से मुलाकात की व्यवस्था करने का आग्रह किया था।
राजीव गांधी की हत्या की साजिश: अमरिंदर सिंह ने कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री दरबारा सिंह ने मुझे आगाह किया था कि राजीव गांधी की हत्या की साजिश रची जा सकती है। इस वजह से भिंडरावाले और राजीव गांधी की संभावित मुलाकात रद्द कर दी गई। दरबारा सिंह ने इंदिरा गांधी को सलाह दी थी कि अपने बेटे को ऐसे खतरे में न डालें।