रेप का आरोप लगाकर मुकरने वाली महिलाओं पर अब होगा केस दर्ज, पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने दिए आदेश, पढ़ें पूरी खबर
Punjab News Live -PNL
March 4, 2024
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चंडीगढ़. (PNL) : रेप का आरोप लगाकर मुकरने वाली महिलाओं पर अब केस दर्ज किया जाएगा। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किए हैं। आदेश में 5 पॉइंट्स का जिक्र करते हुए आरोपियों के खिलाफ केस चलाने को कहा गया है। हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि लगातार ऐसे मामले बढ़ते जा रहे हैं, जहां बाद में पीड़िता आरोपों से मुकर जाती है।
ऐसे में एक ओर पीड़िता पर दबाव न बने और दूसरी ओर कोई बेकसूर सेक्सटॉर्शन का शिकार न हो इसके लिए ये दिशा निर्देश जारी किए हैं। हाईकोर्ट की ओर से इस आदेश की कॉपी हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ के DGP को सौंपने का निर्देश दिया है।
पीड़िता के मुकरने पर जांच अधिकारी एक रिपोर्ट SP को भेजेगा। SP मामले की जांच खुद करेंगे या किसी अन्य अधिकारी को सौंपेगे। ऐसे मामलों में कैंसिलेशन रिपोर्ट तैयार करते हुए यह जांच की जाए कि कोई समझौता या पैसे का लेन-देन तो नहीं हुआ?
इसके साथ ही केस का फैसला होने पर तय समय के भीतर शिकायतकर्ता के खिलाफ आईपीसी की धारा 182 (झूठी शिकायत) के तहत कार्रवाई शुरू की जाएगी। हाईकोर्ट ने कहा कि अगर ऐसे मामलों में कार्रवाई नहीं करने का निर्णय लिया गया है तो इसके लिए SP लिखित में DGP को रिपोर्ट देंगे और अंतिम निर्णय DGP का होगा। अगर आदेश का पालन नहीं किया गया तो इसके लिए दोषी अधिकारी की सर्विस बुक में इसकी एंट्री की जाएगी। हाईकोर्ट के ये आदेश ऐसे मामलों के लिए काफी अहम माने जा रहे हैं।
ASI-SI ने याचिका लगा अग्रिम जमानत मांगी
चरखी दादरी निवासी ASI सुनीता व SI राजबीर ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए अग्रिम जमानत की मांग की थी। इस मामले में उन पर आरोप है कि रेप के मामले में आरोपी से पीड़िता का 12 लाख में समझौता करवाया और पीड़िता को 4 लाख रुपए देकर बाकी आपस में बांट लिए। इस मामले में इनके अलावा पीड़िता की वकील और एक हेड कॉन्स्टेबल भी आरोपी हैं।
समझौते के आधार पर पीड़िता अपने बयान से मुकर गई थी और मेडिकल भी नहीं करवाया था। गुप्त सूचना के आधार पर चारों के खिलाफ जांच के बाद FIR दर्ज की गई थी। हाईकोर्ट ने कहा है कि कुछ लोग पैसों के लिए कानून का मजाक बनाने पर तुले हैं। यह मामला ऐसा है जहां पुलिस वाले जिन पर कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी है।
वकील को कोर्ट के अधिकारी हैं, उन्होंने न केवल रेप जैसे गंभीर मामले में समझौता होने दिया, बल्कि उसमें हिस्सा भी लिया। इसे जारी रखने की अनुमति नहीं दी जा सकती क्योंकि इससे सिस्टम में अराजकता फैल जाएगी। यह यौन उत्पीड़न जैसे गंभीर अपराध का उपहास करना होगा।