स्पोर्ट्स डेस्क, (PNL) : क्रिकेट विश्व कप 2023 का रोमांच सिर चढ़कर बोल रहा है। मंगलवार को टूर्नामेंट के 39वें मैच में ऑस्ट्रेलिया ने अफगानिस्तान को तीन विकेट से हरा दिया। कंगारुओं की इस जीत में सबसे अहम योगदान ग्लेन मैक्सवेल का रहा। 91 पर सात विकेट गिर जाने के बाद मैक्सवेल ने अपने दम पर ऑस्ट्रेलियाई टीम को जीत दिलाई। उन्होंने 128 गेंद में 21 चौके और 10 छक्के की मदद से 201 रन की नाबाद पारी खेली। जब ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए आखिरी पांच रन चाहिए थे, तब मैक्सवेल को दोहरे शतक के लिए भी पांच रन ही चाहिए थे। ऐसे में उन्होंने छक्का लगाकर टीम को जीत दिलाने के साथ-साथ अपना दोहरा शतक भी पूरा किया।
मैक्सवेल को मैच के दौरान चोट भी लगी थी। उनके पैर की मांसपेशियां खिंच गई थीं। वह दर्द से कराहते हुए नजर आए थे, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और वानखेड़े में ‘वन मैन शो’ का नजारा दिखाया। यह पहली बार नहीं है जब विश्व कप में वन मैन शो परफॉर्मेंस हुई हो। इससे पहले 40 साल पहले 1983 विश्व कप में भारतीय टीम के एक दिग्गज खिलाड़ी ने भी कुछ ऐसा ही नजारा पेश किया था। उस खिलाड़ी का नाम है ‘कपिल देव’। उन्होंने 1983 विश्व कप में जिम्बाब्वे के खिलाफ अपने दम पर जीत दिलाई थी। आइए जानते हैं…
1983 विश्व कप में ग्रुप स्टेज के दौरान भारत का मुकाबला जिम्बाब्वे से टनब्रिज वॉल्स के नेविल ग्राउंड में था। भारतीय टीम को सेमीफाइनल में पहुंचने के लिए उस मैच में जीत बेहद जरूरी थी। पहले बल्लेबाजी करते हुए टीम इंडिया की शुरुआत बेहद खराब रही थी। 17 रन पर टीम इंडिया ने पांच विकेट गंवा दिए थे। फिर 77 रन पर छठा, 78 पर सातवां और 140 पर आठवां विकेट गिरा। हालांकि, इस दौरान दूसरे छोर पर खड़े कपिल देव ने गजब के साहस का प्रदर्शन किया था। उन्होंने 138 गेंद पर 175 रन की तूफानी पारी खेल दी थी।
इस दौरान उन्होंने 16 चौके और छह छक्के लगाए। उनका स्ट्राइक रेट 126.81 का रहा था। कपिल नाबाद रहे थे और उनकी इस पारी की बदौलत भारत ने 60 ओवर में आठ विकेट पर 266 रन का स्कोर बनाया था। यह भारत की ओर से विश्व कप में खेली गई सबसे बड़ी पारी है, जिसे आज तक कोई नहीं तोड़ पाया। उनके इस वन मैन शो का जिम्बाब्वे के पास कोई जवाब नहीं था। जिम्बाब्वे की टीम 57 ओवर में 235 रन पर सिमट गई थी। भारत ने यह मैच 31 रन से अपने नाम किया था।