एक ही मंच पर नजर आए जालंधर कैंट हलके की कमान के तीनों दावेदार, मक्कड़, बराड़ या तनेजा? बीजेपी किस पर करेगी भरोसा, पढ़ें पूरी स्टोरी
Punjab News Live -PNL
May 22, 2024
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संदीप साही
जालंधर, (PNL) : जालंधर कैंट से पूर्व विधायक और आप नेता जगबीर सिंह बराड़ के भाजपा में शामिल होने के बाद से कैंट हलका चर्चा में आ गया है। कभी एक दूसरे के सियासी दुश्मन रहे बराड़ और सरबजीत मक्कड़ आज एक साथ एक ही मंच पर बैठे नजर आए हैं। उनके साथ भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित तनेजा भी उसी मंच पर दिखे। राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक ये तीनों ही कैंट हलके की कमान संभालने के दावेदार हैं।
2022 के चुनाव में बराड़ और मक्कड़ ने एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ा था। तब बराड़ अकाली दल में थे और मक्कड़ भाजपा में। बराड़ को 27387 वोट पड़ी थी जबकि सरबजीत मक्कड़ महज 15946 वोट हासिल कर पाए थे। कैंट हलके से कांग्रेस के परगट सिंह जीत गए थे। उसके बाद से मक्कड़ कैंट हलके में काम कर रहे हैं। उनके अलावा अमित तनेजा जो भाजपा हाईकमान के काफी नजदीकी हैं।
वह भी इसी हलके में पार्टी की सेवा कर रहे हैं। अब ऐसे में बराड़ की भाजपा में एंट्री हो गई है, जिससे स्थिति और पेचीदा हो गई है। फिलहाल इस समय तो ये तीनों भाजपा के जालंधर से उम्मीदवार सुशील रिंकू को जिताने के लिए जोर लगा रहे हैं, लेकिन चुनावों के बाद इस हलके में राजनीतिक हालात बदल भी सकते हैं। मक्कड़, बराड़ और तनेजा ये तीनों ही इस हलके से 2027 में टिकट के दावेदार हैं, लेकिन देखना ये होगा कि आने वाले समय में पार्टी किस पर भरोसा जताती है।
मक्कड़ और बराड़ रह चुके हैं एक-एक बार विधायक
सरबजीत सिंह मक्कड़ पहले अकाली दल में थे। 2007 में वह पहली बार आदमपुर हलके से विधायक बने थे। उसके बाद वह लगातार तीन बार चुनाव लड़ चुके, लेकिन हर बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसी तरह जगबीर सिंह बराड़ भी 2007 में जालंधर कैंट से एक बार विधायक रह चुके हैं। उसके बाद से उन्होंन भी तीन बार चुनाव लड़ा और तीनों बार हार गए। वहीं अमित तनेजा ने अभी तक फिलहाल कोई चुनाव नहीं लड़ा है, लेकिन भाजपा में उनकी छवि काफी अच्छी है। तनेजा के केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, तरुण चुघ, विजय सांपला, राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष जैसे कई बड़े दिग्गज नेताओं के साथ नजदीकी संबंध हैं।