पंजाब के प्रसिद्ध कवि सुरजीत पातर के निधन पर सीएम भगवंत मान ने किया दुख प्रकट, हार्ट-अटैक से हुई मौत, 2012 में मिला था पद्मश्री, पढ़ें
Punjab News Live -PNL
May 11, 2024
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चंडीगढ़, (PNL) : पंजाब के सबसे प्रसिद्ध कवियों में से एक सुरजीत पातर का निधन हो गया है। वे 79 साल के थे। उनकी मौत दिल का दौरा पड़ने से लुधियाना के आशापुरी में हुई है। पातर की मौत की खबर से शोक की लहर है। केंद्र सरकार 2012 में उनको पद्मश्री से नवाज चुकी थी। पातर ने किसान आंदोलन में किसानों के समर्थन में पद्मश्री लौटाने का ऐलान तक कर दिया था।
लेखक और वकील हरप्रीत सिंह संधू ने मीडिया को बताया कि सुरजीत पातर की पत्नी भूपिंदर कौर का करीब 7.02 पर कॉल आया कि पातर कोई मूवमेंट नहीं कर रहे हैं। वह तुरंत उनके घर पहुंच गए थे। जिसके बाद उन्हें एब्युलेंस की मदद से अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने ले जाते ही उन्हें मृत घोषित कर दिया। बता दें कि पातर की मौत पंजाब सीएम भगवंत सिंह मान सहित की नेताओं ने श्रद्धांजलि दी।
जानकारी के अनुसार सुरजीत सिंह पातर अपनी पत्नी के साथ लुधियाना में रहते थे। उनके बेटे मनराज पातर और अंकुर पातर ऑस्ट्रेलिया में रहते हैं। उन्हें पिता की मौत की जानकारी दे दी गई है। उनके भारत लौटने पर अब संस्कार किया जाएगा।
बता दें कि जालंधर के गांव पातर कलां में जन्मे सुरजीत पातर ने साहित्य के क्षेत्र में अहम उपलब्धियां हासिल की हैं। उन्होंने पंजाबी साहित्य अकादमी के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया। पंजाब विश्वविद्यालय, पटियाला से मास्टर डिग्री पूरी करने के बाद, पातर ने गुरु नानक देव (अमृतसर) विश्वविद्यालय से पीएचडी की। इसके बाद उन्होंने पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (लुधियाना) में पंजाबी के प्रोफेसर के रूप में योगदान दिया और वहीं से सेवानिवृत्त हुए।