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सीएम भगवंत मान का लक्ष्य 2030 तक पंजाब को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल बनाना है

न्यूज डेस्क, (20 अक्टूबर) : मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने वर्ष 2030 तक पंजाब को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल बनाने का लक्ष्य रखा है। सरकार राज्य की समृद्ध संस्कृति, कला और विरासत को भी संरक्षित करेगी। इस समय पंजाब के अमृतसर, रूपनगर, लुधियाना, पटियाला और फतेहगढ़ साहिब समेत कई शहरों में बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। अब पंजाब सरकार ने राज्य के बाकी शहरों को भी पर्यटकों के नक्शे में लाने की योजना बनाई है। अन्य शहरों को पर्यटन मानचित्र में लाने से राज्य के युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए पंजाब सरकार के पर्यटन एवं सांस्कृतिक मामले विभाग ने एक नई पहल की है।

श्री मुक्तसर साहिब में मढ़ी महोत्सव, कपूरथला हेरिटेज महोत्सव और लुधियाना में किला रायपुर ग्रामीण ओलम्पिया, हेरिटेज महोत्सव और पटियाला हेरिटेज महोत्सव सहित कई मेले आयोजित किए जाएंगे। विभिन्न विरासत मेले पहले ही मनाए जा चुके हैं, जिनमें फरीदकोट में बाबा शेख फरीद आगमन, गुरदासपुर में हरि सिंह नलवा जोश महोत्सव और तरनतारन में छिंज मेला शामिल हैं।

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा, “हमारी सरकार पंजाब को विश्व पर्यटन स्थल के रूप में बढ़ावा देने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। पंजाबियों की समृद्ध और गौरवशाली विरासत सदियों से लोगों को आकर्षित करती रही है। पंजाब की एक-एक इंच भूमि पर गुरुओं, पीरों-फकीरों, शहीदों और कवियों के चरण पड़े हैं। अमृतसर में प्रतिदिन करीब एक लाख श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। अब राज्य सरकार पंजाब के अन्य स्थानों की विशेषताओं को उजागर करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। पंजाब के हर गांव में आजादी से पहले और बाद में देश के लिए कुर्बान हुए शहीदों की यादगारें हैं, जिन्हें दुनिया को बताने की जरूरत है। भौगोलिक दृष्टि से भी पंजाब एक धन्य भूमि है। राज्य सरकार पर्यटन क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाना चाहती है। राज्य और यहां के लोगों की तरक्की और खुशहाली के उद्देश्य से इस महान कार्य में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।”

अधिकृत हस्ताक्षर

पंजाब सरकार राज्य में पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पर्यटन पुलिस योजना भी शुरू करेगी। यह योजना शुरुआती तौर पर अमृतसर में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू की जाएगी। इस यूनिट के कर्मचारियों की खास वर्दी होगी ताकि पर्यटक उन्हें दूर से ही पहचान सकें।

पंजाब के सीएम भगवंत सिंह मान राज्य में वेलनेस टूरिज्म की शुरुआत करेंगे; जानिए इसके बारे में सबकुछ. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने राज्य में वेलनेस टूरिज्म शुरू करने का फैसला किया है, क्योंकि इससे पंजाब में पर्यटन को बढ़ावा मिल सकता है। पंजाब सरकार ने नई वेलनेस टूरिज्म नीति शुरू की है, जिसके तहत राज्य में प्राकृतिक चिकित्सा और आयुर्वेद जैसी पारंपरिक भारतीय चिकित्सा प्रणालियों वाले आधुनिक वेलनेस रिसॉर्ट खोले जाएंगे।

ये वेलनेस रिसॉर्ट पंजाब में पर्यटन को बढ़ावा देने और बढ़ावा देने में गेम चेंजर की भूमिका निभा सकते हैं। इन वेलनेस रिसॉर्ट को गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज सहित तीन श्रेणियों में विभाजित किया जाएगा। गोल्ड श्रेणी में बनने वाला वेलनेस रिसॉर्ट लगभग 10 एकड़ में बनाया जाएगा जबकि सिल्वर वेलनेस और ब्रॉन्ज श्रेणी में बनने वाला वेलनेस रिसॉर्ट लगभग 10 एकड़ में बनाया जाएगा। सिल्वर कैटेगरी में कम से कम 10 और ब्रॉन्ज़ कैटेगरी में कम से कम 5 डबल बेडरूम होंगे। इन सभी में स्विमिंग पूल और खेल की सुविधाएँ भी होंगी। इसके साथ ही इन रिसॉर्ट्स में पर्यटकों के लिए काफ़ी खुली जगह भी होगी।

गोल्ड कैटेगरी के रिसॉर्ट में पर्यटकों को इन-हाउस सेवाएं प्रदान की जाएंगी। इनमें कम से कम 20 डबल बेडरूम होटल होंगे। पंजाब सरकार द्वारा शुरू की गई वेलनेस पॉलिसी के तहत, इन रिसॉर्ट में पर्यटकों के लिए आयुर्वेद, यूनानी और विशेषज्ञ योग प्रशिक्षकों को रखा जाएगा। ये रिसॉर्ट स्पा, योग, ध्यान, आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा और त्वचा देखभाल उपचार जैसी कई सेवाएं प्रदान करेंगे जो लोगों को स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने वर्ष 2030 तक पंजाब को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल बनाने का लक्ष्य रखा है। सरकार राज्य की समृद्ध संस्कृति, कला और विरासत को भी संरक्षित करेगी।

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने पंजाब में पर्यटन को बढ़ावा देने की योजना बनाई है। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार पंजाब को विश्व पर्यटन स्थल के रूप में बढ़ावा देने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। पंजाबियों की समृद्ध और गौरवशाली विरासत सदियों से लोगों को आकर्षित करती रही है। पंजाब की एक-एक इंच भूमि पर गुरुओं, पीरों-फकीरों, शहीदों और कवियों के चरण पड़े हैं। अमृतसर में प्रतिदिन करीब एक लाख श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। अब राज्य सरकार पंजाब के अन्य स्थानों की विशेषताओं को उजागर करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। पंजाब के हर गांव में आजादी से पहले और बाद में देश के लिए बलिदान देने वाले शहीदों की यादगारें हैं, जिन्हें दुनिया को बताने की जरूरत है। भौगोलिक दृष्टि से भी पंजाब एक धन्य भूमि है। राज्य सरकार पर्यटन क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाना चाहती है। राज्य और यहां के लोगों की तरक्की और खुशहाली के उद्देश्य से इस महान कार्य में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।”

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