कभी जेवलिन खरीदने के नहीं थे पैसे, गांववालों ने मिलकर फंड की ट्रेनिंग, आज गोल्ड जीतकर पाकिस्तान के लिए रचा इतिहास, पढ़ें अरशद नदीम की कहानी
Punjab News Live -PNL
August 9, 2024
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न्यूज डेस्क, (PNL) : 27 साल के अरशद नदीम पाकिस्तान के पहले एथलीट हैं जिन्होंने फ्रांस में पेरिस ओलंपिक 2024 में भाग लेने वाले सात एथलीटों में से जैवलिन थ्रो इवेंट के फाइनल के लिए क्वालीफाई किया. जैवलिन थ्रो इवेंट के फाइनल में 92.97 मीटर के शानदार थ्रो से नीरज चोपड़ा सहित सभी को चौंका दिया.
उन्होंने पाकिस्तान के लिए गोल्ड मेडल जीता और ओलंपिक में पाकिस्तान के लिए इतिहास रचा. पाकिस्तान को 32 साल बाद ओलंपिक मेडल दिलाने वाले अरशद नदीम की कहानी जैवलिन फाइनल में उनके 92.7 मीटर थ्रो जितनी ही शानदार है. नदीम पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मियां चन्नू इलाके के एक साधारण परिवार से आते हैं. स्कूल में बचपन से ही उनकी रूचि खेलों में रही.
उन्होंने स्कूल में क्रिकेट, बैडमिंटन, फुटबॉल और एथलेटिक्स में हाथ आजमाया. लेकिन जैसे-जैसे वह बड़े हुए तो एथलेटिक्स में उन्हें मजा आने लगा और वह जेवलिन प्रैक्टिस करने लगे. जब उन्होंने जेवलिन थ्रो प्रैक्टिस करना शुरू किया था तो उन परिवार के पास इतने साधन भी नहीं थे कि वह अच्छा जैवलिन खरीद या ट्रेनिंग करवा सकें.
नदीम के पिता मुहम्मद अशरफ ने पीटीआई को बताया कि उनके पूरे गांव ने मिलकर नदीम की ट्रेनिंग को फंड किया. उनके पिता का कहना है कि लोगों को पता नहीं है कि
अरशद आज इस जगह तक कैसे पहुंचे है. उनके साथी ग्रामीण और रिश्तेदार नदीम के लिए पैसे इकट्ठा करते थे ताकि वह अपनी ट्रेनिंग और प्रतियोगिताओं के लिए दूसरे शहर जा सकें. नदीम ने पाकिस्तान को उसका पहला व्यक्तिगत ओलंपिक गोल्ड मेडल दिया है. रोम 1960 में कुश्ती में एक और सियोल 1988 में मुक्केबाजी में एक पदक के बाद यह पाकिस्तान का तीसरा व्यक्तिगत ओलंपिक मेडल है.