नई दिल्ली, (PNL) : हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद कंगना रनौत ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि अगर हमारा शीर्ष नेतृत्व मजबूत नहीं रहता तो किसान आंदोलन के दौरान पंजाब को भी बांग्लादेश बना दिया जाता. उन्होंने किसान आंदोलन पर सवाल उठाते हुए कहा कि आंदोलन के नाम पर उपद्रवी हिंसा फैला रहे थे और प्रदर्शन स्थल पर रेप और हत्याएं हो रही थीं.
कंगना रनौत के इस बयान पर विपक्ष लगातार हमलावर है. कांग्रेस ने कंगना पर NSA के तहत एक्शन लिए जाने की मांग की है. वहीं, अब बीजेपी ने भी कंगना के इस बयान से किनारा करते हुए कहा कि ये उनका निजी बयान है और पार्टी का इससे कोई लेना-देना नहीं है.
एक मीडिया इंटरव्यू में बीजेपी सांसद कंगना रनौत ने कहा कि अगर हमारा शीर्ष नेतृत्व कमजोर होता तो भारत में बांग्लादेश जैसी स्थिति हो सकती थी. सभी ने देखा कि किसान आंदोलन के दौरान क्या हुआ. प्रदर्शन के नाम पर हिंसा फैलाई गई. वहां रेप हो रहे थे, लोगों को मारकर लटकाया जा रहा था. केंद्र सरकार की ओर से कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले को सही ठहराते हुए कंगना ने कहा कि जब बिल को वापस लिया गया तो सभी उपद्रवी चौंक गए. क्योंकि उनकी प्लानिंग तो बहुत लंबी थी.
कांग्रेस ने उठाए सवाल
विपक्षी दलों ने कंगना के इस बयान पर निशाना साधा है. पंजाब के कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री राज कुमार वेरका ने कंगना रनौत के खिलाफ FIR दर्ज करने और एनएसए के तहत एक्शन लेने की मांग की है. उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री से अपील करते हुए कहा कि कंगना ने पंजाब और किसानों को बदनाम किया है. ऐसे में उन्हें डिब्रूगढ़ जेल भेजा जाना चाहिए. वेरका ने कहा कि आए दिन कंगना पंजाब के नेताओं और किसानों पर सवाल उठाती हैं. उनपर एक्शन लिया जाना चाहिए.