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बड़ी खबर : DIG भुल्लर के बाद अब पंजाब पुलिस का पूर्व AIG रछपाल सिंह गिरफ्तार, कई जिलों में एसएसपी रह चुका है, पढ़ें
Punjab News Live -PNL
October 29, 2025
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न्यूज डेस्क, (PNL) : पंजाब के स्पेशल टॉस्क फोर्स (STF) के पूर्व AIG रछपाल सिंह को गिरफ्तार किया गया है। ये कारवाई जालंधर एसटीएफ की तरफ से की गई है। फिलहाल वे अमृतसर के सिविल लाइन में बंद हैं और पुलिस ने उन्हें कोर्ट में पेश कर रिमांड भी हासिल किया है। इसके पीछे की कहानी 2019 से जुड़ रही है। इससे पहले सीबीआई ने रोपड़ रेंज के डीआईजी हरचरण सिंह भुल्लर को गिरफ्तार किया था।
पुलिस ने बयान जारी कर कहा- मुकदमा नंबर 34, तारीख 11-02-2019, धारा 21, 29, 58 एन.डी.पी.एस. एक्ट, थाना सिविल लाइन अमृतसर में अवैध तस्करी संबंधी स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) द्वारा जांच की जा रही थी।इस मुकदमे में पहले ही चार दोषियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।अब शेष आरोपी AIG रघपाल सिंह (रिटायर्ड) को स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT), एन.टी.एफ., जलंधर रेंज की ओर से गिरफ्तार किया गया है।
इससे पहले भी आए थे विवादों में
ये पहला मामला नहीं है, जिसमें रछपाल सिंह के खिलाफ कार्रवाई हुई है। इससे पहले 3 अगस्त 2017 को अमृतसर के बलविंदर सिंह को STF अमृतसर पुलिस ने सिविल अस्पताल पट्टी से उठाया था। बाद में उस पर हेरोइन का केस दर्ज कर लिया था। उस पर 1 किग्रा हेरोइन डाल दी गई। उसे पाकिस्तान से हेरोइन मंगवाने के भी आरोप लगाए गए। तीन अन्य आरोपियों के नाम मामले में जोड़ दिए गए। बलविंदर ने इसके बाद मामले की जांच की अपील हाई कोर्ट में की।
बलविंदर के खिलाफ सप्लीमेंट्री जार्चशीट हुई थी दाखिल
STF ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि भौर सिंह नाम के आरोपी के खेतों में हेरोइन की एक और खेप दबी है। इसके बाद पुलिस को खेत से चार किलो 530 ग्राम हेरोइन, एक पिस्टल, तीन मैगजीन और 56 कारतूस मिले। पुलिस ने बाद में बलविंदर सिंह, मेजर सिंह और भौर सिंह के खिलाफ अमृतसर की अदालत में चार्जशीट पेश की। वहीं बलविंदर सिंह के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की। इसमें गुरजंट सिंह का जिक्र नहीं था।
कॉल डिटेल्स व सीसीटीवी फुटेज पर हुआ शक
बलविंदर सिंह ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाई कोर्ट ने नवंबर 2019 में मामले की जांच के लिए डीजीपी डायरेक्टर ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन प्रमोद बान को कहा गया। जांच में डीजीपी की तरफ से बलविंदर सिंह की कॉल डिटेल्स, सीसीटीवी फुटेज और लोकेशन का डाटा दिसंबर 2020 को हाई कोर्ट में दाखिल किया गया। कॉल डिटेल्स व सीसीटीवी फुटेज के आधार पर सवाल खड़े हुए और जनवरी 2021 को हाईकोर्ट ने जांच CBI के हवाले कर दी।
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