अमृतसर में आया मंकी पॉक्स का पहला मामला, सेहत विभाग ने किया अलर्ट जारी, क्या है इसके लक्षण और ईलाज, पढ़ें
punjab news live (PNL)
July 27, 2022
अमृतसर, पंजाब, होम
अमृतसर, (PNL) : पंजाब में भी मंकी पॉक्स ने दस्तक दे दी है। अमृतसर में मंकी पॉक्स का पहला मामला साने आया है। श्री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर विदेश से आए एक यात्री में मंकीपॉक्स के लक्षण पाए गए हैं। मरीज को स्वास्थ्य विभाग ने निगरानी में रखा है। मिली जानकारी के मुताबिक एयरपोर्ट पर इस यात्री के शरीर पर ऐसे लक्षण पाए गए, जो उक्त बीमारी से मिले हुए हैं। श्री गुरु नानक देव अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. के.डी. सिंह ने कहा कि मरीज का ईलाज किया जा रहा है और सेहत विभाग की तरफ से अलर्ट करवा दिया गया है।
क्या है मंकीपाक्स?
मंकीपाक्स वायरस एक मानव चेचक के समान एक दुर्लभ वायरल संक्रमण है। 1958 में यह पहली बार शोध के लिए रखे गए बंदरों में पाया गया था। इस वायरस का पहला मामला 1970 में रिपोर्ट किया गया है। मुख्य रूप से मध्य और पश्चिम अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय वर्षावन क्षेत्रों (tropical rainforest area) में यह रोग में होता है।
मंकीपाक्स का लक्षण-
बार-बार तेज बुखार आना।
पीठ और मांसपेशियों में दर्द।
त्वचा पर दानें और चकते पड़ना।
खुजली की समस्या होना।
शरीर में सामान्य रूप से सुस्ती आना।
मंकीपाक्स वायरस की शुरुआत चेहरे से होती है।
संक्रमण आमतौर पर 14 से 21 दिन तक रहता है।
चेहरे से लेकर बाजुओं, पैरों और शरीर के अन्य हिस्सों पर रैशेस होना।
गला खराब होना और बार-बार खांसी आना।
ध्यान दें! कैसे फैलता है संक्रमण-
मंकीपाक्स एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। ऐसे में लोगों को शारीरिक संपर्क से बचाव रखना चाहिए।
संक्रमित व्यक्ति या किसी व्यक्ति में मंकीपाक्स के लक्षण हैं, तो उसे तुरंत डाक्टर से संपर्क करना चाहिए।
संक्रमित व्यक्ति को इलाज पूरा होने तक खुद को आइसोलेट रखना चाहिए।
मंकीपाक्स वायरस त्वचा, आंख, नाक या मुंह के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है।
यह संक्रमित जानवर के काटने से, या उसके खून, शरीर के तरल पदार्थ, या फर को छूने से भी हो सकता है।
क्या है मंकीपाक्स का इलाज
अभी तक इस वायरस का कोई भी डेफिनिटिव इलाज नहीं आया है। यानी कोई ऐसा एंटीवायरल थेरेपी नहीं आया है जो इस वायरस को मार सके। इसका सिन्ड्रोमेटिक इलाज किया जाता है। जैसे चेचक के दौरान अगर बुखार है तो बुखार की दवाई, अगर पसीने आ रहे हैं डिहाइड्रेशन है तो पानी चढ़ाना होता है। या केअर सपोर्ट के लिए उसे आईसीयू में भर्ती करते हैं। यह सेल्फ हीलिंग डिजीज है। जो एक समय के बाद बॉडी का इम्यून इस पर हावी होता है और इस वायरस को खत्म कर देता है।