मोहाली-पंचकूला और चंडीगढ़ के बीच चलेगी मेट्रो, पंजाब-हरियाणा ने दी मंजूरी, पढ़ें रूट और खर्च
Punjab News Live -PNL
March 17, 2023
चंडीगढ़, पंजाब, होम
चंडीगढ़, (PNL) : इस समय की बड़ी खबर चंडीगढ़ से आ रही है। मोहाली-पंचकूला और चंडीगढ़ में मेट्रो चलाने की पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ ने आपसी सहमति से मंजूरी दे दी है। गुरुवार को पंजाब के राज्यपाल व चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित की अध्यक्षता में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, पंजाब की मंत्री अनमोल गगन मान समेत दोनों राज्यों के मुख्य सचिव व अन्य की एक उच्चस्तरीय बैठक हुई। इसमें सभी ने ट्राइसिटी में मेट्रो चलाने को मंजूरी दे दी। हालांकि हरियाणा ने मेट्रो स्टेशन को लेकर कई सुझाव दिए हैं जबकि पंजाब ने एक हफ्ते का समय मांगा है।
चंडीगढ़ समेत ट्राइसिटी में बढ़ रहे ट्रैफिक जाम को खत्म करने के लिए रेल इंडिया तकनीकी और आर्थिक सेवा (राइट्स) ने एक कंप्रहेंसिव मोबिलिटी प्लान (सीएमपी) बनाया है। इसमें मेट्रो चलाने, कई जगह फ्लाईओवर-अंडरपास बनाने, कई किमी साइकिल ट्रैक, कई बस स्टैंड, मल्टीलेवल पार्किंग समेत कई सुझाव दिए हैं। गुरुवार को चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा ने इस रिपोर्ट को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी।
रिपोर्ट के अनुसार ट्राइसिटी में दो फेज में मेट्रो और तीन फेज में अन्य सभी काम पूरे करने हैं। मेट्रो का कुल खर्च 7680 करोड़ रुपये प्रस्तावित है लेकिन हरियाणा के सुझाव के बाद कई मेट्रो स्टेशन बढ़ जाएंगे। इससे मेट्रो प्रोजेक्ट की लागत भी बढ़ जाएगी। हालांकि राइट्स के सभी सुझावों को लागू करने में केंद्र सरकार, चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा के करीब 10,570 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसमें 60 फीसदी पैसा केंद्र और 40 फीसदी चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा देंगे।
मेट्रो स्टेशन को लेकर बैठक में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की तरफ से कई सुझाव दिए गए। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ और जीरकपुर से पिंजौर-कालका को जोड़ा जाए और इसे पहले फेज में शामिल किया जाना चाहिए। साथ ही पंजाब-हरियाणा सचिवालय, विधानसभा, हाईकोर्ट, एयरपोर्ट जैसे महत्वपूर्ण स्थानों को पहले फेज में ही मेट्रो से जोड़ा जाए।
बैठक में हाउसिंग बोर्ड चौक से पंजाब यूनिवर्सिटी और पीजीआई के लिए रूट बनाने का भी सुझाव दिया गया है क्योंकि रोजाना हजारों लोग अपने काम के लिए पीजीआई जाते हैं। इसके अलावा मेट्रो के विस्तार में घग्गर नदी और नए पंचकूला के इलाकों को भी शामिल करने और एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए मेट्रो का वैकल्पिक रूट बनाने का सुझाव दिया गया।