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खुद ही बन जाते थे तहसीलदार और जिला कलेक्टर, जालंधर पुलिस ने फर्जी जमानत देने वाले गिरोह के 7 मेंबर पकड़े, 122 फर्जी आधार कार्ड बरामद
जालंधर, (PNL) : जालंधर कमिश्नरेट पुलिस ने मंगलवार को एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए आपराधिक मामलों में आरोपियों को लाभ पहुंचाने के लिए फर्जी जमानत बांड देने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया। इस संबंध में जानकारी देते हुए पुलिस कमिश्नर स्वपन शर्मा ने बताया कि कमिश्नरेट पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि राज्य में एक हाईप्रोफाइल गिरोह सक्रिय है जो आपराधिक मामलों में झूठी जमानत देकर आरोपियों को फायदा पहुंचाने का काम कर रहा है।
उन्होंने बताया कि पुलिस स्टेशन भार्गव कैंप जालंधर में एफआईआर नंबर 01 दिनांक 05.01.2024 को आईपीसी की धारा 419, 420, 465, 467, 468, 47, 120बी के तहत दर्ज किया गया था। श्री स्वपन शर्मा ने बताया कि यह गिरोह न्यायालयों में फर्जी सिक्योरिटी के रूप में आईडी कार्ड, आधार कार्ड, स्टाम्प जैसे झूठे/फर्जी दस्तावेज जमा करता था।
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि गहन जांच के बाद पुलिस ने जगजीत सिंह उर्फ जग्गी पुत्र तरलोक सिंह निवासी फत्तू ढींगा जिला कपूरथला, रवि कुमार पुत्र अशोक कुमार निवासी गाखला कॉलोनी जालंधर, पंकज राम उर्फ गंजू पुत्र स्व. गुरनाम दास निवासी चेराटा अमृतसर, गुरुमीत सिंह पुत्र इंदर सिंह निवासी चेराटा अमृतसर, सुखदेव कुमार पुत्र मोहन लाल शर्मा निवासी गाखला कॉलोनी जालंधर, राकेश कुमार पुत्र महेंद्र राम निवासी गाखला जालंधर और जालंधर निवासी जोधा को गिरफ्तार किया है।
उन्होंने बताया कि इन आरोपियों के पास से 122 फर्जी आधार कार्ड, 41 फर्जी जिला कलेक्टर कार्ड/नंबरदार कार्ड, 15 तहसीलदार और नंबरदार की फर्जी मोहरें और 35 फर्द, एक कंप्यूटर, एक प्रिंटर और सात स्टाम्प पैड सहित बड़ी संख्या में जाली/जाली दस्तावेज बरामद किए गए हैं। स्वपन शर्मा ने कहा कि दोनों आरोपियों सुखदेव कुमार और राकेश कुमार का आपराधिक रिकॉर्ड है क्योंकि उनके खिलाफ कई केस दर्ज हैं।
पुलिस आयुक्त ने कहा कि सुखदेव कुमार के खिलाफ पहले से ही सात एफआईआर दर्ज की गई हैं, जबकि राकेश कुमार के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की गई हैं। उन्होंने बताया कि ये खुद ही तहसीलदार और जिला कलेक्टर की मोहरें लगा देते थे।