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जालंधर, (PNL) : भारत के शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने आज लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (एलपीयू) में शीर्ष वैश्विकविश्वविद्यालयों की मैनेजमेंट पर आधारित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनको संबोधित किया। यह अवसर था एलपीयू द्वारा अपने परिसर मेंआयोजित पोस्ट-कोविड वर्ल्ड में अंतर्राष्ट्रीय उच्च शिक्षा के अवसरोंपर एक दिवसीय वर्चुअल सम्मेलन का । माननीय शिक्षा मंत्री डॉपोखरियाल सम्मेलन के मुख्य अतिथि थे। सम्मेलन के दौरान, संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और साइप्रस सहित टॉप देशों के विश्वविद्यालयों से प्रोचांसलर , वाईस चांसलर , निदेशक आदि के रैंक के 12 वरिष्ठशिक्षाविदों ने पैनलिस्ट के रूप में भाग लिया । दुनिया के शीर्ष 9 विश्वविद्यालयों पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय (यूएसए), नॉटिंघमट्रेंट विश्वविद्यालय (यूके), न्यूकैसल विश्वविद्यालय और कर्टिनविश्वविद्यालय (ऑस्ट्रेलिया), लेक हेड यूनिवर्सिटी (कनाडा) केवरिष्ठ प्रबंधन और ऑसट्रेड की डायरेक्टर ने सम्मेलन में भागलिया। कांफ्रेंस में सभी विशिष्ट शिक्षाविदों को बधाई और सार्थक संवादके लिए शुभकामनाएं देते हुए शिक्षा मंत्री ने साझा किया: “मुझेबहुत खुशी है कि एलपीयू ने दुनिया के वरिष्ठ नीति निर्धारकों केसाथ इस वार्ता का आयोजन किया है, और शिक्षा केअंतर्राष्ट्रीयकरण में इतना अधिक काम कर रहा है। वास्तव में, अंतर्राष्ट्रीयकरण एक विश्वविद्यालय की वृद्धि और विकास औरदेश में इसके योगदान के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण तत्व है। मैंएलपीयू को उन अग्रणी विश्वविद्यालयों में से एक के रूप में मानताहूँ , जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीयकरण को पूर्ण रूप से अपनाया है। ” भारत की नई शिक्षा नीति -2020 ( एनईपी- 2020) के बारे में बातकरते हुए, डॉ निशंक ने कहा : “भारत ने करोड़ों भारतीय विद्यार्थियोंके लिए अपनी नई शिक्षा नीति को अपडेट किया है, जो 1,000 विश्वविद्यालयों और 45,000 डिग्री कॉलेजों में अध्ययन कर रहे हैं | उन सब की आकांक्षा की झलक इस नीति में दिखाई देती है। यहनीति विद्यार्थियों , शिक्षकों, वैज्ञानिकों, गैर-सरकारी संगठनों सेलेकर सभी हितधारकों के परामर्श से बनाई गई है। यह सबसे बड़ीइनोवेशन है, जिसमें सभी की भागीदारी है। यह देश के लिए, देशके द्वारा और देश के लिए देश की नीति है और हम देश के प्रत्येकविद्यार्थी के लिए अच्छे और उत्कृष्ट भविष्य के भागीदार हैं। हमवसुधैव कुटुम्बकम (दुनिया एक परिवार है) के वाक्यांश परविश्वास करते हैं, इसीलिए हम पूरी दुनिया की चिंता करते हैं। “ डॉ निशंक ने कहा: “आज अंतर्राष्ट्रीयकरण बहुत बड़ी चीज है, औरएनईपी- 2020 ने दुनिया भर के विश्वविद्यालयों के लिए भारत मेंकैंपस खोलना संभव बना दिया है। मैं आप सभी को भारत में अपनेकैंपस खोलने के लिए आमंत्रित करता हूं, और इस तरह भारतीयविश्वविद्यालयों के साथ अधिक संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओंपर काम करें । ” …