नई दिल्ली, (PNL) : किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने दिल्ली सरकार से 9 स्टेडियमों को अस्थायी जेलों में तब्दील करने की अनुमति मांगी. पंजाब और हरियाणा से हजारों की संख्या में किसान दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं. पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्र सरकार से अपील की है कि वो किसानों से तुरंत बात करे और प्रदर्शन को रोके. अमरिंदर ने कहा कि किसानों की आवाज को दबाया नहीं जा सकता है, सरकार तीन दिसंबर तक क्यों इंतजार कर रही है.
हालांकि दिल्ली पुलिस को अरविंद केजरीवाल सरकार से झटका लगा है. दिल्ली सरकार ने पुलिस की 9 स्टेडियम को अस्थाई जेल बनाने की मांग को नकार दिया है. दिल्ली पुलिस ने किसानों के प्रदर्शन के कारण अस्थाई जेल की मांग की थी. दिल्ली सरकार की ओर से कहा गया है कि किसानों की मांग जायज है, ऐसे में उन्हें जेल में डालना ठीक नहीं है.
आंदोलनकारी किसानों से अपील करते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा, “एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर परेशानी होने पर वे राजनीति छोड़ देंगे.” उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को ‘किसानों को उकसाने’ के लिए भी दोषी ठहराया.
#WATCH Farmers use a tractor to remove a truck placed as a barricade to stop them from entering Delhi, at Tikri border near Delhi-Bahadurgarh highway pic.twitter.com/L65YLRlkBo
पुलिस के अनुमान के अनुसार, पंजाब और हरियाणा के करीब 3 लाख किसान दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं. ये किसान 33 संगठनों से जुड़े हैं और संयुक्त किसान मोर्चा का हिस्सा हैं, जो 470 से अधिक किसान यूनियनों का अखिल भारतीय निकाय है. यह सभी राष्ट्रीय राजधानी में अनिश्चितकालीन विरोध प्रदर्शन में भाग लेंगे.
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने प्रदर्शनकारी किसानों को बातचीत के आमंत्रित किया है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “नए कानून बनाना समय की आवश्यकता थी, आने वाले कल में ये नए कृषि कानून, किसानों के जीवन स्तर में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाले हैं. नए कृषि कानूनों के प्रति भ्रम को दूर करने के लिए मैं सभी किसान भाइयों और बहनों को चर्चा के लिए आमंत्रित करता हूं.”